सर्वनाम का रूपान्तर पुरुष, वचन और कारक की दृष्टि से होता है। इनमें लिंगभेद के कारण रूपान्तर नहीं होता। जैसे-
वह खाता है।
वह खाती है।
संज्ञाओं के समान सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं- एकवचन और बहुवचन।
पुरुषवाचक और निश्र्चयवाचक सर्वनाम को छोड़ शेष सर्वनाम विभक्तिरहित बहुवचन में एकवचन के समान रहते हैं।
सर्वनाम में केवल सात कारक होते है। सम्बोधन कारक नहीं होता।
कारकों की विभक्तियाँ लगने से सर्वनामों के रूप में विकृति आ जाती है। जैसे-
संज्ञा शब्दों की भाँति ही सर्वनाम शब्दों की भी रूप-रचना होती। सर्वनाम शब्दों के प्रयोग के समय जब इनमें कारक चिह्नों का प्रयोग करते हैं, तो इनके रूप में परिवर्तन आ जाता है।
('मैं' उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम)
कारक
एकवचन
बहुवचन
कर्ता
मैं, मैंने
हम, हमने
कर्म
मुझे, मुझको
हमें, हमको
करण
मुझसे
हमसे
सम्प्रदान
मुझे, मेरे लिए
हमें, हमारे लिए
अपादान
मुझसे
हमसे
सम्बन्ध
मेरा, मेरे, मेरी
हमारा, हमारे, हमारी
अधिकरण
मुझमें,
मुझपर हममें, हमपर
('तू', 'तुम' मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम)
कारक
एकवचन
बहुवचन
कर्ता
तू, तूने
तुम, तुमने, तुमलोगों ने
कर्म
तुझको, तुझे
तुम्हें, तुमलोगों को
करण
तुझसे, तेरे द्वारा
तुमसे, तुम्हारे से, तुमलोगों से
सम्प्रदान
तुझको, तेरे लिए, तुझे
तुम्हें, तुम्हारे लिए, तुमलोगों के लिए
अपादान
तुझसे
तुमसे, तुमलोगों से
सम्बन्ध
तेरा, तेरी, तेरे
तुम्हारा-री, तुमलोगों का-की
अधिकरण
तुझमें, तुझपर
तुममें, तुमलोगों में-पर
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दोस्तों इस पेज के माध्यम से हमने सर्वनाम सम्बन्धित सभी प्रश्नों का संग्रह किया है जो सभी प्रकार के प्रतियोगी परिक्षाओं में बार बार पूछे गये ।